🌳🌲 🚝🚝🚝🚝 🌲🌳
याद कुछ आता नही यह हुवा कबसे
हो गया मुश्किल छुपाना "राज़ "यह सबसे
तुम कहो तो माँग लू मैं आज कुछ रब से
आरे s s रे , आरे ये क्या हुआ कोई ना पहचाना
आs s रे, आरे बनता है तो बन जाए अफ़साना
'हात' मेरा थाम लो साथी जब तक हो
🌷🏹
बात कुछ होती रहे 'युती' जब तक हो
"सामना" 📰 बाटे रहो तुम रात जब तक हो
आरे s s रे , आ रे ये क्या हुआ, मैं ने न ये जाना
🌷🤷🏼♀
📝२२/९/१९
poetrymazi.blogspot.in
याद कुछ आता नही यह हुवा कबसे
हो गया मुश्किल छुपाना "राज़ "यह सबसे
तुम कहो तो माँग लू मैं आज कुछ रब से
आरे s s रे , आरे ये क्या हुआ कोई ना पहचाना
आs s रे, आरे बनता है तो बन जाए अफ़साना
'हात' मेरा थाम लो साथी जब तक हो
🌷🏹
बात कुछ होती रहे 'युती' जब तक हो
"सामना" 📰 बाटे रहो तुम रात जब तक हो
आरे s s रे , आ रे ये क्या हुआ, मैं ने न ये जाना
🌷🤷🏼♀
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