आमचा मित्र अंबरीश ने नुकतच पाठवलेले एक विडंबन
ख्वाजा बदनाम हुवां
मरकझ तेरे लिये,
ले झंडू बाम हुंवा
मरकझ तेरे लिये..
ख्वाजा के बोल गुलाबी,
सोच नवाबी,
ताल जिहादी रे..
ख्वाजा बदनाम हुवां
मरकझ तेरे लिये !
....
ख्वाजा बदनाम हुवां
मरकझ तेरे लिये,
ले झंडू बाम हुंवा
मरकझ तेरे लिये..
ख्वाजा के बोल गुलाबी,
सोच नवाबी,
ताल जिहादी रे..
ख्वाजा बदनाम हुवां
मरकझ तेरे लिये !
....
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